इन दिनों दक्षिण दिल्ली की बहुत सारी झीलों को आर्टिफिशियल वेटलैंड के माध्यम से साफ किया जा रहा है। इन झीलों में बहुत सारा सीवेज का पानी छोड़ा जाता है। जिसकी वजह से ये झीलें प्रदूषित हो गई थी। इनमें घुलनशील ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen) और बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) बहुत बढ़ गया था। आइए समझते हैं कि आर्टिफिशियल वेटलैंड क्या होता है और यह तकनीक की दुनिया भर में झीलों और तालाबों को साफ करने में मददगार कैसे साबित हो रही है?
वेटलैंड (wetland) का अर्थ होता है “आद्रभूमि”। मतलब ऐसी दलदली जमीन जिसका अपना पूरा एक पारिस्थितिकी तंत्र हो। वेटलैंड्स पर्यावरण के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं। वेटलैंड्स को “किडनिज आफ लैंडस्केप” भी कहा जाता है। जिस प्रकार से किडनी हमारे शरीर से जहरीले तत्वों को छानकर हमारे रक्त को और शरीर को साफ सुथरा रखती है वैसे ही वेटलैंड्स प्रदूषित पानी को साफ करते हैं। प्राकृतिक वेटलैंड्स की तर्ज पर ही अब आर्टिफिशियल वेटलैंड्स भी बनाए जा रहे हैं। ये आर्टिफिशियल वेटलैंड्स फ्लोटिंग वेटलैंड हैं जो तालाबों और झीलों की सतह पर तैरते रहते हैं। आर्टिफिशियल वेटलैंड्स पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करते हैं। इनमें लगे हुए पौधे बायोफिल्टर की तरह काम करते हैं और पानी में मौजूद पर प्रदूषकों को अपने अंदर सोख लेते हैं। इन पौधों की जड़ें खतरनाक रासायनिक प्रदूषण के केमिकल बॉन्ड्स को ब्रेक कर देती हैं। आर्टिफिशियल वेटलैंड्स में मौजूद पौधे अपना पोषण सीवेज में मौजूद रासायनिक तत्वों से लेते हैं। इस तरह से सीवेज में मौजूद रासायनिक तत्वों का इन पौधों के आहार के रूप में उपयोग हो जाता है। आर्टिफिशियल वेटलैंड्स शैवाल (काई) की समस्या को दूर करने में भी मददगार हैं। आर्टिफिशियल वेटलैंड्स सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (STP) के विकल्प के रूप में सारी दुनिया में इस्तेमाल हो रहे हैं। इसका कारण यह है कि आर्टिफिशियल वेटलैंड सस्ते समाधान है। ये सस्टेनेबल हैं, इन्हें आसानी से बनाया जा सकता है, इन्हें इस्तेमाल करने के लिए किसी भी ट्रेंड वर्कर या इंजीनियर की जरूरत नहीं होती। यह पानी को प्राकृतिक तरीके से साफ करते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इसके द्वारा साफ किए गए पानी की गुणवत्ता STP से कहीं ज्यादा बेहतर होती है।
अब आइए जानते हैं कि आर्टिफिशियल वेटलैंड बनाया कैसे जाता है? आर्टिफिशियल वेटलैंड पुराने वेस्ट मटेरियल का इस्तेमाल करके बनाया जा सकता है। इसके लिए प्लास्टिक की खाली बोतलों को एक साथ बांधकर उन्हें प्लास्टिक की जाली में भर दिया जाता है। फिर उसको नारियल के कुछ छिलके इत्यादि डाल डालकर बांध दिया जाता है। हमें ऐसा आर्टिफिशियल वेटलैंड बनाना होता है जो पानी को सतह पर तैरता रहे। फिर उसमें पौधे लगाकर तालाब में तैरने के लिए छोड़ दिया जाता है। समय के साथ हम देखेंगे कि तालाब का पानी धीरे-धीरे साफ होता जा रहा है।