

शहरों का ट्रैफिक: रफ्तार थमी नहीं, उलझ गई है
क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे जीवन के कितने साल ट्रैफिक जाम में बर्बाद हो जाते हैं! भारत के शहरों में गाड़ियाँ चलती तो हैं, पर रफ्तार खो चुकी हैं। महानगरों की सड़कों पर जाम अब एक दैनिक असुविधा नहीं, बल्कि हमारी नीति और प्राथमिकताओं की नाकामी का स्थायी प्रतीक बन चुका है। जब…

डेंटल अमलगम : स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए एक अदृश्य ज़हर
दंत चिकित्सा में प्रयुक्त डेंटल अमलगम दशकों से दांतों की भराई का एक आम तरीका रहा है, लेकिन अब यह चिकित्सा सुविधा एक गंभीर पर्यावरणीय और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट में बदलती जा रही है। डेंटल अमलगम का लगभग 50 प्रतिशत हिस्सा मरकरी से बना होता है, जो पृथ्वी पर पाए जाने वाले सबसे विषैले तत्वों…

कोयले को बंद करना नहीं, उसे स्वच्छ बनाना है चुनौती
भारत में विकास की गति के साथ बिजली की मांग तेजी से बढ़ रही है। अनुमान है कि आने वाले कुछ वर्षों में देश में कोयले से बिजली बनाने की क्षमता 280 गीगावॉट से ज्यादा हो जाएगी। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या पर्यावरण को बचाने के लिए कोयले का इस्तेमाल पूरी तरह…

भारत में पशुओं के साथ यौन संबंध (Bestiality) पर कानून
भारत जैसे सांस्कृतिक और नैतिक मूल्यों से समृद्ध देश में पशु यौन संबंध (Bestiality) को न केवल एक गहन नैतिक अपराध के रूप में देखा जाता है, बल्कि यह सामाजिक मर्यादाओं और पशु कल्याण सिद्धांतों का भी घोर उल्लंघन माना गया है। 1 जुलाई 2024 तक यह अपराध भारतीय दंड संहिता, 1860 (IPC) की धारा…

भारत सरकार की AC Temperature Rules
गर्मी की चिलचिलाती लहरों के बीच एयर कंडीशनर ( AC ) एक बड़ी राहत बन गया है, लेकिन यह सुविधा हमारे पर्यावरण और ऊर्जा संसाधनों पर कितना बोझ डाल रही है, इसका अंदाज़ा कम ही लोग लगाते हैं। अब भारत सरकार ने इस दिशा में एक साहसिक और ज़रूरी कदम उठाया है। देशभर में एसी…

FAO : Marine Life पर संकट
संयुक्त राष्ट्र महासागर सम्मेलन (UNOC3) के तीसरे संस्करण में दुनिया के सामने Marine Life की भयावह सच्चाई रखी गई है। FAO (Food and Agriculture Organization) द्वारा जारी “Review of the State of World Marine Fishery Resources – 2025” नामक रिपोर्ट में बताया गया है कि गहरे समुद्र की जैवविविधता और प्रवासी शार्क अब टिकाऊ मछली…

Extinct Animal को फिर से जिंदा करना – Ethical या Sin
हमारी धरती पर जीवन की शुरुआत तकरीबन 3.7 अरब वर्ष पहले हुई थी। इस दौरान इस धरती पर लाखों-करोड़ों प्रजातियाँ अस्तित्व में आईं और फिर Extinct हो गईं। वैज्ञानिकों का मानना है कि पृथ्वी पर अब तक जितनी भी प्रजातियाँ जन्मी हैं, उनमें से 99% से भी अधिक प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी हैं। इस धरती…

War & Its Environmental Consequences
War is not merely the clash of weapons and soldiers. It is a widespread social, humanitarian, and ecological disaster. When armed conflicts occur, rivers dry up, forests burn, and the soil becomes toxic. Wars are generally viewed in terms of their impact on human life, property, and geopolitical situations. However, one important aspect that often…

युद्ध के पर्यावरणीय प्रभाव
युद्ध केवल हथियारों और सैनिकों के टकराव का नाम नहीं है। यह एक व्यापक सामाजिक, मानवीय और पारिस्थितिकीय आपदा है। जब सशस्त्र संघर्ष होते हैं तब नदियाँ सूखती हैं, जंगल जलते हैं, और मिट्टी जहरीली हो जाती है। युद्धों को आम तौर पर मानव जीवन, संपत्ति और भू-राजनीतिक स्थिति पर उनके प्रभाव के संदर्भ में…

Are We Denying Pets Their Rights?
Taming animals is nothing new for humans. Since the beginning of human civilization, we have included animals in our lives, accepting them as friends, companions, and co-travelers. Excavations of ancient civilizations like the Indus Valley, Egypt, Mesopotamia, or the Maya reveal evidence that clearly shows a long-standing relationship of coexistence between humans and animals. In…