ट्रैफिक जाम की समस्या का समाधान क्या है – Team Indian Environmentalism

आज दुनिया के अधिकतर शहर ट्रैफिक जाम की समस्या से जूझ रहे हैं। विकासशील देशों में तो स्थिति और ज्यादा खराब हैं। शहरों में भीड़ भाड़ बढ़ती जा रही हैं और बिना किसीप्लानिंग के शहरों का विकास हो रहा हैं और दुनिया भर में इस बात की चर्चा होती रहती है कि आखिर ट्रैफिक जाम…

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एक्सप्रेसवे अच्छे हैं या बुरे – Team Indian Environmentalism

एक्सप्रेसवे यानी तीव्र गति से चलने के लिए बनाई गई सडकें इन दिनों खूब चलन में हैं। इन्हें भीड़ भाड़ वाले ट्रैफिक के विकल्प के रूप में दिखाया जा रहा है। लगभग सभी राजनीतिक पार्टियों की सरकारें एक्सप्रेस को बढावा देने में लगी हैं। साथ ही ज्यादा से ज्यादा एक्सप्रेस बनवाना चुनावी मुद्दा भी बन…

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शहरों मे गर्मी कम कैसे होगी – Team Indian Environmentalism

उत्तर भारत के अधिकतर शहर इन दिनों भयंकर गर्मी और लू से जूझ रहे हैं। जलवायु परिवर्तन के कारण हो रही ग्लोबल वार्मिंग ने गर्मी के प्रभाव को पहले से ज्यादा बढ़ा दिया है। हमारे शहर पहले से ज्यादा गर्म हो रहे हैं। इस भयंकर गर्मी से बचने के लिए शहर का अभिजात तबका तेजी…

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भविष्य मोटे अनाजों का है – अतुल पाण्डेय

मोटे अनाज यानी मिलेट्स हमेशा से भारतीय भोजन परंपरा के हिस्सा रहे हैं । एक समय था जब हमारी खाने की प्लेट मोटे अनाज से बने व्यंजनों से से भरी रहती थी, लेकिन हरित क्रांति के बाद  भारतीय खेती आमूलचूल रूप से बदल गई। खाद्य सुरक्षा के नाम पर जबरदस्ती थोपी गई हरित क्रांति के दूरगामी परिणाम…

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विकास का नाम विनाश का काम – रत्नेश सिंह

अपनी पौराणिक कथाओं से शुरू करते हैं।
महाभारत के समय पांडवों को 12 साल के लिए वनवास और
1 साल का अज्ञातवास मिला था, ठीक वैसा ही रामायण में भगवान राम जी को भी 14 वर्षों का वनवास मिला था।

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भूजल पर बढ़ती निर्भरता के खतरे – निखिल कुमार

सुबह उठकर मैं अपने कमरे से बाहर आया तो मैंने देखा कि मेरे पड़ोस के रूम में रहने वाला लड़का ब्रश कर रहा है और टोटी से पानी व्यर्थ बह रहा है।

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Artificial Wetlands दिल्ली की झीलों को साफ कर रहे हैं – Team Indian Environmentalism

इन दिनों दक्षिण दिल्ली की बहुत सारी झीलों को आर्टिफिशियल वेटलैंड के माध्यम से साफ किया जा रहा है। इन झीलों में बहुत सारा सीवेज का पानी छोड़ा जाता है। जिसकी वजह से ये झीलें प्रदूषित हो गई थी। इनमें घुलनशील ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen) और बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) बहुत बढ़ गया था।

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अंधेरा भी जरूरी है – Team Indian Environmentalism

क्या आपको बचपन का धारावाहिक शक्तिमान याद है? इसमें अंधेरे को बुराई के रूप में दिखाया गया है। शक्तिमान धारावाहिक का विलेन बार-बार दोहराता रहता है, “अंधेरा कायम रहे”।

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भारत में वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव -04 : ~मधु सूदन यादव

भारत सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वायु (प्रदूषण नियंत्रण एवं रोकथाम) अधिनियम 1981 पारित किया गया था ,केन्द्र में केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड तथा विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न प्रदूषण नियन्त्रण केन्द्रों की स्थापना की गई। लेकिन लोगों में जागरूकता की अभाव और राजनैतिक कारणों से ,ये कानून उतने प्रभावी नही हुये कि हम एक निष्कर्ष पे आ सके । इस ब्लॉग में हम कुछ प्रभावी उपायों पे चर्चा करने की कोशिश करेंगे।

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भारत में वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव -03 : ~मधु सूदन यादव

आज के समय में हमारे सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। एक- पर्यावरण को स्वच्छ रखने में हम कैसे योगदान दें और दूसरा- खतरनाक स्तर तक पहुंच चुके पर्यावरण प्रदूषण को कैसे कम किया जाए। वायु प्रदूषण सिर्फ नागरिकों के स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

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