दिवाली क्यों मनाई जानी चाहिए – Team Indian Environmentalism
वह त्रेता युग था जब कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम रावण का वध करके तथा 14 वर्षों के वनवास के उपरांत अयोध्या वापस लौटे थे। अपने प्रिय राजा के वापस लौटने के उपलक्ष्य में तथा अच्छाई की बुराई पर जीत की ख़ुशी में उस समय पूरा नगर दीपमालाओं से सजाया गया था। ऐसा कहते हैं कि उसी घटना के उपरांत दिवाली की शुरुआत हुई जो कि अब तक चली आ रही है। परंतु यह कथा लगभग सभी लोग जानते हैं।
हम सब यह जानते हैं कि दिवाली क्यों मनाई जाती है आज हम यहां जिन बिंदुओं पर बात करना चाहेंगे वह यह है कि, “दिवाली क्यों मनाई जा रही है!” या फिर “दिवाली क्यों मनाई जानी चाहिए!”