इश्क “Eco-friendly” है – Team Indian Environmentalism
इश्क करना इको फ्रेंडली है आप सोच सकते हैं कि इश्क तो कविता कहानी शायरी या रूमानियत का विषय है। लेकिन प्रेम पर्यावरण से जुड़ा हुआ विषय भी है।
इश्क करना इको फ्रेंडली है आप सोच सकते हैं कि इश्क तो कविता कहानी शायरी या रूमानियत का विषय है। लेकिन प्रेम पर्यावरण से जुड़ा हुआ विषय भी है।
जल जीवन का पर्याय है। बात सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू करते हैं। जो कि इस दुनिया की सबसे प्रारंभिक सभ्यताओं में से एक थी। सिंधु घाटी सभ्यता में किसी भी भवन निर्माण से पहले जल निकासी या वाटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण पहले किया जाता था। किसी भी नए घर के बनने से पहले…
India is a young nation and a big fraction of youth studies in college. If we make our colleges eco-friendly , then not only it will affect the environment on a large scale but also will bring a sense of awareness among youth.
गांव से शहरों की तरफ पलायन का एक प्रमुख कारण गांव में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होना है। श्रृंखला के इस लेख में हम यह समझेंगे कि स्वास्थ सुविधाओं की वर्तमान दशा क्या है। साथ ही हम यह भी समझने का प्रयास करेंगे कि भविष्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है।
शहरीकरण पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाता है। गांव से शहरों की ओर होने वाले पलायन का एक मुख्य कारण है “रोजगार की तलाश”। खेती की दुर्दशा और बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि ने इस पलायन को और ज्यादा तीव्र कर दिया है।
भारत युवाओं का देश है। बड़ी संख्या में युवा कॉलेजों में पढ़ते हैं। अगर हम अपने कॉलेजों को इको फ्रेंडली बनाते है, तो न सिर्फ इसका असर एक बड़े पैमाने पर पर्यावरण पर होगा बल्कि देश के युवा वर्ग में एक बड़ी जागृति भी आएगी।
पिछले कुछ सालों से हम ‘पर्यावरण’ शब्द का प्रयोग निरंतर टेलीविजन, अखबारों और सोशल मीडिया में होता देख रहे हैं। परंतु पर्यावरण और मानव का संबंध जीवन की उत्पत्ति (लगभग 4000 वर्ष पूर्व) के साथ जुड़ा हुआ है और निरंतर बदलाव के साथ आज तक चला आ रहा है। जिससे समय-समय पर मानव व्यवहार…
एक बार महात्मा बुद्ध अपने कुछ शिष्यों के साथ एक गांव में भ्रमण कर रहे थे। बुद्ध जी को काफी प्यास लगी थी।
“We do not inherit Earth from our ancestors, we borrow it from our children”
वर्तमान भारत के आंकड़े ये बता रहे है कि भारत मे ग़रीबी और भुखमरी पहले के मुकाबले न्यून हो रहीं है,लेकिन देश की आज़ादी के पहले और आज़ादी की लड़ाई के दैरान यह एक गम्भीर समस्या थी।