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भारत के चुनावी विमर्श से पर्यावरणीय मुद्दे क्यों गायब हो जाते हैं?

भारत में चुनावी राजनीति में पर्यावरणीय मुद्दों की अनदेखी कोई नई बात नहीं है। हरियाणा में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान पराली जलाने, भूजल के खारेपन, बजरी खनन, अरावली की दुर्दशा और शहरी जलभराव जैसी गंभीर समस्याएँ बिल्कुल भी चर्चा का केंद्र नहीं बनीं। अब महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव होने जा…

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The Role of India’s Middle Class in Environmentalism: Challenges, Activism, and Future Prospects

Environmentalism in India is often viewed through the lens of rural struggles or the actions of marginalized groups. However, the role of the urban middle class, a group that exerts immense influence on environmental and social dynamics, deserves closer scrutiny. As urbanization accelerates and environmental challenges deepen, the middle class occupies a pivotal position in…

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सर्दियों में इनडोर वायु गुणवत्ता: एक गंभीर समस्या और उसके समाधान

सर्दियों के मौसम में इनडोर वायु गुणवत्ता (Indoor Air Quality, IAQ) एक बड़ी चिंता का विषय बन जाती है। ठंड के कारण लोग दरवाजे और खिड़कियां बंद रखते हैं, जिससे वायु परिसंचरण बाधित होता है। साथ ही, हीटर, कुकिंग गैस, और अन्य स्रोतों से निकलने वाले प्रदूषक कमरे में ही रह जाते हैं। नतीजतन, इनडोर…

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यमुना में झाग: प्रदूषण का दुष्प्रभाव और समाधान की आवश्यकता

यमुना नदी का दिल्ली के साथ एक अटूट और ऐतिहासिक संबंध रहा है, लेकिन आज यह नदी अपने अस्तित्व की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है।यमुना नदी का प्रदूषण आज न केवल दिल्ली बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है। यमुना की कुल लंबाई लगभग 1376 किलोमीटर है,…

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डेंगू का छोटे शहरों और गाँवों में प्रसार: आधुनिक विकास की चुनौतियाँ और संभावित समाधान

भारत में बीते कुछ वर्षों में डेंगू जैसी घातक बीमारी का प्रकोप न केवल महानगरों तक सीमित रहा है, बल्कि अब यह छोटे शहरों, कस्बों और यहाँ तक कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी तेज़ी से फैलने लगा है। आधुनिक शहरीकरण, बढ़ती भीड़भाड़ और असंगठित विकास के चलते डेंगू जैसी बीमारियाँ अब छोटे शहरों और गाँवों…

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दिल्ली की कचरा प्रबंधन समस्या और समाधान: ठोस कचरा प्रबंधन की दिशा में कदम

परिचय दिल्ली में ठोस कचरा प्रबंधन (Solid Waste Management  SWM) की जिम्मेदारी मुख्यतः तीन शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) के पास है: दिल्ली नगर निगम (MCD), नई दिल्ली नगर निगम (NDMC), और दिल्ली छावनी बोर्ड (DCB)। हर दिन लगभग 11,342 टन ठोस कचरा दिल्ली में उत्पन्न होता है, जिसमें से 3,800 टन कचरा बिना संसाधित किए…

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Why Do Environmental Issues Fade from India’s Election Discourse?

In India, environmental issues often receive little attention in electoral politics. In recent Haryana state elections, critical problems such as stubble burning, groundwater salinity, sand mining, degradation of the Aravalli hills, and urban flooding were sidelined. As elections approach in Maharashtra and Jharkhand, where pressing issues around water, forests, land, and droughts exist, political parties…

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यमुना में झाग: प्रदूषण का दुष्प्रभाव और समाधान की आवश्यकता

यमुना में झाग: प्रदूषण का दुष्प्रभाव और समाधान की आवश्यकता

यमुना नदी का दिल्ली के साथ एक अटूट और ऐतिहासिक संबंध रहा है, लेकिन आज यह नदी अपने अस्तित्व की सबसे बड़ी चुनौती का सामना कर रही है।यमुना नदी का प्रदूषण आज न केवल दिल्ली बल्कि पूरे उत्तर भारत के लिए एक गंभीर समस्या बन गया है। यमुना की कुल लंबाई लगभग 1376 किलोमीटर है,…

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माइक्रोप्लास्टिक: मानव स्वास्थ्य पर खतरनाक प्रभाव

पिछले कुछ दशकों में माइक्रोप्लास्टिक का अस्तित्व और इसके दुष्प्रभाव तेजी से चर्चा में आए हैं। ये छोटे प्लास्टिक कण, जो पांच मिलीमीटर से भी छोटे होते हैं, पर्यावरण में भारी मात्रा में पाए जाते हैं और धीरे-धीरे मानव शरीर में प्रवेश कर गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। वैज्ञानिक शोधों ने इस…

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