ट्रैफिक समस्या का समाधान क्या है? – अतुल पाण्डेय

1991 में शुरू हुए उदारीकरण के बाद हमारे यातायात की आदतों में तेजी से बदलाव हुआ है । वैश्वीकरण ने मानव गतिशीलता को बढ़ाया हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS- 5) के आँकड़े बताते हैं कि देश के 7.5 प्रतिशत परिवारों के पास अपनी कार हैं । 2018 में यह आँकड़ा 6 प्रतिशत का था…

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भविष्य मोटे अनाजों का है – अतुल पाण्डेय

मोटे अनाज यानी मिलेट्स हमेशा से भारतीय भोजन परंपरा के हिस्सा रहे हैं । एक समय था जब हमारी खाने की प्लेट मोटे अनाज से बने व्यंजनों से से भरी रहती थी, लेकिन हरित क्रांति के बाद  भारतीय खेती आमूलचूल रूप से बदल गई। खाद्य सुरक्षा के नाम पर जबरदस्ती थोपी गई हरित क्रांति के दूरगामी परिणाम…

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शहरों में जलजमाव की समस्या एवं समाधान – अतुल पांडेय

जल जीवन का पर्याय है। बात सिंधु घाटी सभ्यता से शुरू करते हैं। जो कि इस दुनिया की सबसे प्रारंभिक सभ्यताओं में से एक थी। सिंधु घाटी सभ्यता में किसी भी भवन निर्माण से पहले जल निकासी या वाटर ड्रेनेज सिस्टम का निर्माण पहले किया जाता था। किसी भी नए घर के बनने से पहले…

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गांव की ओर लौटो-4 – अतुल पांडेय

गांव से शहरों की तरफ पलायन का एक प्रमुख कारण गांव में बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होना है। श्रृंखला के इस लेख में हम यह समझेंगे कि स्वास्थ सुविधाओं की वर्तमान दशा क्या है। साथ ही हम यह भी समझने का प्रयास करेंगे कि भविष्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए क्या किया जा सकता है।

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गांव की ओर लौटो- 3 -अतुल पांडेय

शहरीकरण पर्यावरण से जुड़ी समस्याओं को बढ़ाता है। गांव से शहरों की ओर होने वाले पलायन का एक मुख्य कारण है “रोजगार की तलाश”। खेती की दुर्दशा और बेतहाशा जनसंख्या वृद्धि ने इस पलायन को और ज्यादा तीव्र कर दिया है।

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गांव की ओर लौटो -2 ~ अतुल पांडेय

गांधी जी ने कहा था कि “असली भारत गांवों में बसता है”। हमें अपने पर्यावरण के एजेंडे को और इससे जुड़े विमर्श को गांवों पर केंद्रित करना होगा, खुशहाल गांव से ही खुशहाल भारत का निर्माण संभव है। गांव के बिना पर्यावरण की कोई भी चर्चा अधूरी है । श्रंखला के इस लेख में हम…

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गांव की ओर लौटो – 1 ~ अतुल पांडेय

90 के दशक में शुरू हुए उदारीकरण के बाद गांवों से शहरों की तरफ पलायन एक सामान्य प्रक्रिया बन गई है । आज के समय में शहर को समस्त संभावनाओं का केंद्र मान लिया गया है ।शहर सपनों को पूरा करने का जरूरी जरिया बन गए हैं।शहर समाधान हैं और शहरीकरण भारत का भविष्य ,ऐसी मान्यता बन चली है।

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