स्पीकिंग विद नेचर: द ओरिजिंस ऑफ इंडियन एनवायरनमेंटलिज़्म पुस्तक की समीक्षा

रामचंद्र गुहा की पुस्तक स्पीकिंग विद नेचर भारतीय पर्यावरणवाद के इतिहास और इसकी अनोखी विशेषताओं का गहन अध्ययन प्रस्तुत करती है। यह न केवल पर्यावरणीय समस्याओं को समझने का प्रयास करती है, बल्कि उन विचारकों और आंदोलनों पर भी प्रकाश डालती है जिन्होंने भारत में पर्यावरणीय चेतना को आकार दिया। यह पुस्तक भारतीय पर्यावरणवाद की…

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Mangifera Indica: A Biography of the Mango पुस्तक की समीक्षा 

सोपान जोशी की Mangifera Indica: A Biography of the Mango एक ऐसी पुस्तक है, जो आम के ऐतिहासिक, सांस्कृतिक, और आर्थिक महत्व की गहन पड़ताल करती है। यह आम के माध्यम से भारतीय समाज और इसकी गहरी परंपराओं को समझने का एक शानदार प्रयास है। पुस्तक आम को केवल एक फल तक सीमित नहीं करती,…

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अमिताव घोष की पुस्तक “द ग्रेट डिरेंजमेंट” का सारांश

पुस्तक का परिचय:अमिताव घोष का “द ग्रेट डिरेंजमेंट: क्लाइमेट चेंज एंड द अनथिंकेबल” पर्यावरण संकट, जलवायु परिवर्तन और इस पर समाज, साहित्य, और राजनीति की चुप्पी के बारे में एक गहन और विचारोत्तेजक पुस्तक है। घोष ने इसे तीन भागों में बांटा है— कहानी, इतिहास और राजनीति। इस पुस्तक में जलवायु परिवर्तन को केवल एक…

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स्मॉल इज़ ब्यूटीफुल पुस्तक का सारांश

“स्मॉल इज़ ब्यूटीफुल: ए स्टडी ऑफ इकोनॉमिक्स ऐज़ इफ पीपल मैटरड” जर्मन-ब्रिटिश अर्थशास्त्री ई. एफ. शूमाकर द्वारा लिखित एक प्रभावशाली पुस्तक है। यह पुस्तक 1973 में पहली बार प्रकाशित हुई थी। यह पुस्तक आधुनिक आर्थिक नीतियों और बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास की आलोचना करती है और छोटे, टिकाऊ, और स्थानीय विकास पर जोर देती…

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अमिताव घोष की पुस्तक “द लिविंग माउंटेन” का विस्तृत हिंदी सारांश

पुस्तक का परिचय: अमिताव घोष की “द लिविंग माउंटेन” एक पर्यावरणीय कथा है, जो मानव और प्रकृति के बीच के जटिल संबंधों पर आधारित है। यह पुस्तक प्रकृति के शोषण, पारिस्थितिकी तंत्र के विनाश और जलवायु परिवर्तन के परिणामों पर केंद्रित है। यह कहानी केवल एक पर्वत की नहीं है, बल्कि यह उन सभ्यताओं और…

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द हंग्री टाइड उपन्यास का हिंदी में सारांश 

अमिताव घोष का उपन्यास द हंग्री टाइड सुंदरबन के दलदली इलाकों में बसने वाले लोगों, उनकी संस्कृति, उनके संघर्ष, और पर्यावरणीय मुद्दों की गहन पड़ताल है। यह उपन्यास न केवल मानवीय संबंधों को दर्शाता है, बल्कि मनुष्य और प्रकृति के बीच के जटिल संबंधों को भी उजागर करता है। सुंदरबन, जो गंगा और ब्रह्मपुत्र के…

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COP29: विकसित देशों ने जिम्मेदारी उठाने से किया इंकार 

जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (UNFCCC) के पार्टियों के 29वें सम्मेलन (कॉप-29) का समापन बड़े विवादों और गंभीर असंतोष के साथ हुआ। सम्मेलन में विकासशील और विकसित देशों के बीच जलवायु वित्तपोषण और जिम्मेदारी को लेकर मतभेद स्पष्ट रूप से उभरे। मुख्य उपलब्धि: नया जलवायु वित्त लक्ष्य कॉप-29 में एक बड़ी उपलब्धि के…

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ग्रीनवॉशिंग क्या है 

पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की बढ़ती जागरूकता के साथ, कंपनियाँ खुद को “हरित” (ग्रीन) दिखाने के लिए तरह-तरह के दावे करती हैं। हालांकि, इनमें से कई दावे वास्तविकता से दूर होते हैं, जिन्हें “ग्रीनवॉशिंग” कहा जाता है। ग्रीनवॉशिंग पर्यावरणीय मुद्दों का समाधान करने की बजाय इनका दुरुपयोग कर कंपनियों को लाभ कमाने का एक…

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साइलेंट स्प्रिंग” पुस्तक का सारांश

परिचय रेचल कार्सन की पुस्तक “साइलेंट स्प्रिंग” को पर्यावरणीय चेतना के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कृति माना जाता है। यह पुस्तक 1962 में प्रकाशित हुई थी। इस पुस्तक ने रासायनिक कीटनाशकों के अत्यधिक और अंधाधुंध उपयोग के प्रति समाज का ध्यान आकर्षित किया। “साइलेंट स्प्रिंग” का मतलब है “खामोश वसंत,” जो कि एक ऐसे भविष्य…

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ट्रैफिक के इस समस्या का समाधान कैसे होगा 

भारत में उदारीकरण के बाद आर्थिक संवृद्धि आई है जिससे एसी वाली कारों का चलन बढ़ा है। हालांकि, ये कारें कुछ लोगों को गर्मी से राहत जरूर देती हैं, लेकिन सड़कों पर भीड़भाड़, शोर, और अत्यधिक गर्मी जैसी समस्याओं का भी कारण बन गई हैं। निजी कारों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि से…

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