भूजल पर बढ़ती निर्भरता के खतरे – निखिल कुमार

सुबह उठकर मैं अपने कमरे से बाहर आया तो मैंने देखा कि मेरे पड़ोस के रूम में रहने वाला लड़का ब्रश कर रहा है और टोटी से पानी व्यर्थ बह रहा है।

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Artificial Wetlands दिल्ली की झीलों को साफ कर रहे हैं – Team Indian Environmentalism

इन दिनों दक्षिण दिल्ली की बहुत सारी झीलों को आर्टिफिशियल वेटलैंड के माध्यम से साफ किया जा रहा है। इन झीलों में बहुत सारा सीवेज का पानी छोड़ा जाता है। जिसकी वजह से ये झीलें प्रदूषित हो गई थी। इनमें घुलनशील ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen) और बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BOD) बहुत बढ़ गया था।

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अंधेरा भी जरूरी है – Team Indian Environmentalism

क्या आपको बचपन का धारावाहिक शक्तिमान याद है? इसमें अंधेरे को बुराई के रूप में दिखाया गया है। शक्तिमान धारावाहिक का विलेन बार-बार दोहराता रहता है, “अंधेरा कायम रहे”।

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भारत में वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव -04 : ~मधु सूदन यादव

भारत सरकार ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए वायु (प्रदूषण नियंत्रण एवं रोकथाम) अधिनियम 1981 पारित किया गया था ,केन्द्र में केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड तथा विभिन्न प्रदेशों में विभिन्न प्रदूषण नियन्त्रण केन्द्रों की स्थापना की गई। लेकिन लोगों में जागरूकता की अभाव और राजनैतिक कारणों से ,ये कानून उतने प्रभावी नही हुये कि हम एक निष्कर्ष पे आ सके । इस ब्लॉग में हम कुछ प्रभावी उपायों पे चर्चा करने की कोशिश करेंगे।

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भारत में वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव -03 : ~मधु सूदन यादव

आज के समय में हमारे सामने दो बड़ी चुनौतियां हैं। एक- पर्यावरण को स्वच्छ रखने में हम कैसे योगदान दें और दूसरा- खतरनाक स्तर तक पहुंच चुके पर्यावरण प्रदूषण को कैसे कम किया जाए। वायु प्रदूषण सिर्फ नागरिकों के स्वास्थ्य पर ही नहीं, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है।

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सिमलीपाल आग की वजह क्या है -Team Indian Environmentalism

सिमलीपाल नेशनल पार्क उड़ीसा के मयूरभंज जिले में पड़ता है। यहां पिछले 2 हफ्ते से जंगल की आग लगी हुई है। यह नेशनल पार्क सिमलीपाल जैव मंडल (Biosphere) का एक हिस्सा है। सिमलीपाल जैव मंडल पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील माना जाता है। यह 5569 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यह भारत का…

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शहर है या पिंजरा – Team Indian Environmentalism

प्रेम के प्रतीकों को पिंजरे में बंद कर दिया गया है। हमें लगता है कि पिंजरे में बंद चिड़िया गाती हैं जबकि वह चिल्लाती हैं। हमारी क्रोनोलॉजी कुछ ऐसी है कि जो सबके लिए उपलब्ध है उसे पहले विलुप्त कर दो और फिर उसे थोड़ा-थोड़ा करके बेचो। साफ पानी, साफ हवा, हरे-भरे जंगल, जीव-जंतु, पक्षी,…

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भारत में वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव -02 : – मधु सूदन यादव

महात्मा गांधी का कथन है कि, “तुम जो भी करोगे वो नगण्य होगा, लेकिन यह ज़रूरी है कि तुम वो करो।” इस लेख में हम वायु प्रदूषण के वर्तमान एवं भविष्य के दुष्प्रभावों पर चर्चा करेंगे।

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भारत में वायु गुणवत्ता का स्वास्थ्य और आर्थिक प्रभाव -01 : – मधु सूदन यादव

भौतिकतावाद के इस दौर में आज एक आम व्यक्ति अपने शारीरिक सुखों और विभिन्न प्रकार के शौक को पूरा के लिए इतना आत्मकेंद्रित हो चुका है कि वह अपने आसपास के बिगड़ते वातावरण को लेकर सुप्तावस्था में है। इक्कीसवीं सदी में जिस प्रकार से हम औद्योगिक विकास और भौतिक समृद्धि की ओर बढ़े चले जा रहे हैं,उसका मूल्य हो सकता हो कि आने वाली पीढ़ी चुकायेगी । इस सुख-समृद्धि ने मानव जीवन और पर्यावरण के बीच स्थापित सामंजस्य को भारी नुकसान पहुंचाया है।

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